चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे। न्यायालय ने कहा कि अगर आचार संहिता के बावजूद दो वर्ग इस तरह से झगड़ा करते हैं तो वहां एक निर्वाचित प्रतिनिधि की जरूरत नहीं है। न्यायालय मुस्लिम राष्ट्रीय मंच समेत कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इसमें मुर्शीदाबाद में हुई हिंसा की सीबीआई या एनआईए जांच कराने की मांग की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने ‘निर्वाचन आयोग को एक सिफारिश करने का प्रस्ताव दिया कि जब लोग आठ घंटे तक शांति से किसी अवसर का जश्न नहीं मना सकते, तो वे संसद में अपने प्रतिनिधियों को चुनने के हकदार नहीं होंगे इसलिए बहरामपुर निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव टाल दिया जाए।’ उन्होंने कहा कि कोलकाता में रामनवमी पर लगभग 33 कार्यक्रम आयोजित किए गए, लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल तय की।