परियोजनाएं अधूरी, बड़ी संख्या में श्रमिकों का पलयान
वाइएसआरसीपी प्रमुख और सीएम जगन मोहन रेड्डी प्रदेश की तीन राजधानी बनाना चाहते हैं, जो संभव नहीं है। अमरावती में इमारतों का कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है। इससे जिन किसानों ने जमीन दी है, वे भी दु:खी हैं। परियोजनाएं अधूरी रह गईं और बड़ी संख्या में श्रमिक यहां से पलयान कर गए हैं। विशाखापट्टनम को कार्यकारी राजधानी, अमरावती को विधायी राजधानी और कुरनूल को न्यायिक राजधानी बनाने का सपना दिखाया था, जो कानूनी पेच में अटक गया है। इसका विरोध वे किसान कर रहे हैं जिनकी भूमि का अमरावती में अधिग्रहण किया गया है। क्योंकि राजधानी के लिए उन्होंने अपनी ऊपजाऊ जमीन छोड़ी दी, लेकिन उसका अभी कोई उपयोग नहीं हो रहा है।
अमरावती को विकसित करने का सपना दिखा रही टीडीपी
अमरावती से 32 किमी का सफर करके मैं गुंटूर पहुंचा। यहां ऑटो से आगे बढ़ा तो सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में अस्पताल बने हुए हैं। ऑटो चालक ने बताया कि इस रोड पर मेडिकल हब है। यहां करीब 3 हजार डॉक्टर उपलब्ध हैं। लाेगों ने बताया कि इस क्षेत्र का सबसे बड़ा मुद्दा यही है कि अमरावती को राजधानी बनाने के लिए 33 हजार एकड़ जमीन किसानों ने दी, लेकिन राजधानी की योजना मूर्त रूप नहीं ले पाई और विकास कार्य रोक दिए गए हैं। इससे समझ जाएं कि इस चुनाव में क्या होने वाला है। बाजार में मिले चिदात्म से चुनावी चर्चा छेड़ी तो बोले, तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने डॉ. चंद्र शेखर पेम्मासानी को मैदान में उतारा है। वे जनता के बीच खुलकर अपनी बात रख रहे हैं। वे अमरावती को आईटी सिटी बनाने के लिए सॉफ्टवेयर कंपनियों और अनुसंधान संस्थानों को राज्य की राजधानी अमरावती में लाने का वादा कर रहे हैं। गुंटूर में विकास करने और युवाओं के लिए रोजगार सृजन की योजनाओं पर कार्य करने का वादा भी कर रहे हैं। अमित शाह आंध्रप्रदेश की रैलियों में कह चुके हैं कि अमरावती को फिर से राजधानी बनाया जाएगा, इसलिए टीडीपी से गठबंधन किया है। हरिअक्सा ने कहा, कौन जीतेगा यह तो पता नहीं, लेकिन सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित करने के कारण भी गुंटूर के टीडीपी प्रत्याशी डॉ. चंद्र शेखर पेम्मासानी चर्चा में हैं। टीडीपी के उम्मीदवार पेम्मासानी चंद्र शेखर ने अपने चुनावी हलफनामे में चल और अचल सहित 5,785 करोड़ रुपए की पारिवारिक संपत्ति का खुलासा किया है। वर्तमान में चुनावी दौड़ में सबसे धनी हैं।
पसीना बहाने को मजबूर राजनीतिक दल
अमलेश और चैतन बोले, इस सीट पर लड़ाई वाइएसआरसीपी और टीडीपी के बीच है। दोनों ही दल चुनावी अखाड़े में पसीना बहा रहे हैं। टीडीपी के पास हैट्रिक लगाने का मौका है, जबकि वाइएसआरसीपी अपना खाता खोलने के लिए पूरा दमखम झोंक रही है। वाइएसआरसीपी ने किलारी वेंकट रोसैया को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर कांग्रेस ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से से गठबंधन किया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जंगला अजय कु मार मैदान में हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (यूनाइटेड) से अमरथलुरि वेंकटेश्वर राव मैदान में हैं। इस तरह यहां कुल 30 प्रत्याशी मैदान में हैं। टीडी प्रत्याशी चन्द्रशेखर ने लोगों में यह उम्मीद जगाई है कि राज्य की राजधानी में और अधिक अस्पताल स्थापित किए जाएंगे। एक डॉक्टर के रूप में वे संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने प्रभाव का उपयोग करके गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने वाले अस्पताल अमरावती में स्थापित किए जाएंगे। अभिजीत के अनुसार यहां टीडीपी प्रत्याशी पांच साल में गुंटूर निर्वाचन क्षेत्र में युवाओं के लिए एक लाख नौकरियों के अवसर पैदा करने पर जोर दे रहे हैं।
पांच साल के काम गिना रही वाइएसआरसीपी
लोगों ने बताया कि वाइएसआरसीपी प्रत्याशी किलारी वेंकट रोसैया पिछले पांच साल में हुए जगन मोहन रेड्डी सरकार के कामकाज का हवाला देकर वोट मांग रहे हैं। गुंटूर नगर पालिका 150 सालों के इतिहास के साथ सबसे पुरानी नगर पालिकाओं में से एक है। फिर भी ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं है। इस लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें आती हैं। जिसमें ताड़ीकोंडा, मंगलागिरी, पोन्नुरु, तेनाली, प्राथीपाडु, गुंटूर पश्चिम और गुंटूर पूर्व शामिल है। आंध्र प्रदेश के केंद्र में गुंटूर आता है। गुंटूर राज्य का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। इसे राज्य का दिल भी कहते हैं। साथ ही साथ गुंटूर मिर्च, कपास और तंबाकू के निर्यात के लिए प्रमुख केंद्र के रूप में काम करता आया है और यहां एशिया में सबसे बड़ा मिर्च बाजार यार्ड है। इसके अलावा ये राज्य के लिए एक प्रमुख ट्रांसपोर्टेशन, शिक्षा, मेडिकल और कमर्शियल हब है।