मां करती थी मनरेगा में काम! बेटा बना IAS, जानिए इन टॉपर्स की कहानी
आज हम आपको मेरठ से जुड़े कुछ ऐसे UPSC टॉपर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी सफलता किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। इनमें एक टॉपर्स ऐसे भी हैं जिनकी मां मरनेगा में काम करती थी। सिविल सेवा 2023 के टॉपर्स मेरठ के रहने वाले हर्षवर्धन सिंह ने UPSC परीक्षा में 990वी […]
आज हम आपको मेरठ से जुड़े कुछ ऐसे UPSC टॉपर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी सफलता किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। इनमें एक टॉपर्स ऐसे भी हैं जिनकी मां मरनेगा में काम करती थी।
सिविल सेवा 2023 के टॉपर्स मेरठ के रहने वाले हर्षवर्धन सिंह ने UPSC परीक्षा में 990वी रैंक हांसिल की। हर्षवर्धन वर्तमान में सहारनपुर रेलवे स्टेशन पर मेल सर्विस में शॉर्टिंग असिस्टेंट के पत पर तैनात हैं। मेरठ के कंकरखेड़ा स्थित शिवलोकपुरी कॉलोनी के रहने वाले हर्षवर्धन दिन में ड्यूटी करते थे और रात में पढ़ाई। हर्षवर्धन बताते हैं कि उन्होंने तीन वर्ष पहले घर पर ही रहकर यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने 16 घंटे निरंतर पढ़ाई करके इस एग्जाम को क्रैक किया। इस तरह उन्होंने चौथे प्रयास में 990 भी रैंक पाई। मेरठ के ही कंकरखेड़ा निवासी तुषार डोभाल ने तो पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा को क्रैक करते हुए 284 रैंक प्राप्त कर ली। तुषार ने समाजशास्त्र को वैकल्पिक विषय के रूप में लिया था। इनके पिता विजेंद्र डोभाल स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स एसडीआरएफ उत्तराखंड में डिप्टी कमांडेंट के पद पर तैनात हैं जबकि हर्षवर्धन ने 2013 में एमपीएससी 10वीं और 2015 में इसी स्कूल से इंटर की परीक्षा पास करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी का रुख किया था। दिल्ली में उन्होंने आत्माराम कॉलेज से केमिस्ट्री में बीएससी ऑनर्स की उपाधि ली और इसके बाद वेंकटेश्वरा कॉलेज से एमएससी केमिस्ट्री की उपाधि प्राप्त की। इसी तरह से सहारनपुर और मेरठ में पल-बढ़ी मेधा आनंद ने भी 13वी रैंक प्राप्त करते इतिहास रच दिया। मेधा वर्तमान में इंडियन रेलवे ट्रैफिक सिस्टम यानी आईआरटीएस में कानपुर में तैनात हैं।
इन्ही टॉपर्स में एक नाम हेमंत भी है। वैसे तो हेमंत मूल रूप से राजस्थान के हनुमानगढ़ के एक छोटे से गांव बीरन के रहने वाले हैं लेकिन इनका भी मेरठ से गहरा नाता है। मेरठ के ही इनके एक मित्र ने इन्हे इस परीक्षा को पास करने में ऑनलाइन तैयारी की जानकारी दी। हेमंत की मां मनरेगा में काम करती हैं और पिता गांव के पुरोहित हैं। हेमंत बताते हैं कि एक बार उनकी मां को उचित मजदूरी नहीं मिली तो वो स्थानीय ठेकेदारों और सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते रहे लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। एक ठेकेदार ने उनका मजाक बनाते हुए कह दिया कि ‘तू कहीं का कलेक्टर है क्या?’ इसके बाद उन्होंने कलेक्टर बनने का निश्चय कर लिया। हेमंत के पास पर्याप्त साधन नहीं थे तो मेरठ वाले मित्र ने उन्हे यू-ट्यूब पर Rau’s IAS Study Circle की जानकारी दी और डीएनस कक्षाओं के बारे में बताया। इसके बाद यहीं से हेमंत को एक रास्ता मिल गया। हेमंत को जानकारी मिली कि Rau’s IAS के सीईओ अभिषेक गुप्ता की ओर से ऑनलाइन कंपास लाइब्रेरी के जरिए सभी यूपीएससी के छात्रों को फ्री शिक्षा प्राप्त करने का अवसर दिया गया है यहीं उनके लिए कारगर साबित हो गया
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