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Monsoon 2024 : सूख गया जगर बांध का हलक, राजस्थान में पानी के लिए अब मानसून का इंतजार

हिण्डौनसिटी जिले का दूसरा बड़ा जगर बांध का हलक भीषण गर्मी के दौर से पहले ही सूख गया है। चौबीसा क्षेत्र सहित आसपास के गांवों के भूजल स्तर को संवारने वाला जगर बांध एक महिना से खुद प्यासा है। पानी के अभाव में बांध का पेटा सपाट मैदान नजर आने लगा है।

करौलीMay 09, 2024 / 02:40 pm

Kirti Verma

Monsoon 2024: हिण्डौनसिटी जिले का दूसरा बड़ा जगर बांध का हलक भीषण गर्मी के दौर से पहले ही सूख गया है। चौबीसा क्षेत्र सहित आसपास के गांवों के भूजल स्तर को संवारने वाला जगर बांध एक महिना से खुद प्यासा है। पानी के अभाव में बांध का पेटा सपाट मैदान नजर आने लगा है। अब जल संसाधन विभाग को बांध में जलभराव के लिए मानसून का इंतजार है।
शहर से करीब 6 किलोमीरट दूर स्थित 30 फीट की भराव क्षमता के इस बांध में मार्च माह के अंतिम सप्ताह से गेज के जीरो निशान पर पानी के बजाए रेत जमा है। बीते वर्ष बारिश में सितम्बर माह के पहले सप्ताह में बांध में 10 फीट 6 इंच सर्वाधिक जलभराव हुआ था। जो बीते वर्षों में हुए जल भराव की तुलना में कम था। कैचमेंट एरिया में मानसून तंत्र के कमजोर होने से अक्टूबर माह के पहले पखबाड़े तक चले बारिश के सीजन में बांध में पानी की अपेक्षित आवक नहीं हुई। नवम्बर माह के पहले सप्ताह में बांध का जल स्तर 3 फीट अधिक गिर कर 7.2 फीट रह गया। जो दिसम्बर माह के महज 6 फीट पर आ गया।
जनवरी और फरवरी माह में पानी के गेज के गिरावट की गति बढ़ने से मार्च माह में होली से पहले ही गेज पर बांध का पेटा सूख गया। बांध में वेस्ट बीयर और बिंग बॉल दूर तक पेटे में मिट्टी के टीले व सूखी घास नजर आ रही है। वहीं पेटे में छोटे से हिस्से में पानी सिमट कर रह गया है।
दो दशक पहले बढ़ाई भराव क्षमता
वर्ष 1958 में 88 वर्ग मील क्षेत्र में जगर बांध का निर्माण हुआ था। तब बांध की भराव क्षमता 27 फीट थी। विभागीय सूत्रों के अनुसार एक बार कैचमेंट एरिया में अच्छी बारिश होने से बांध की वेस्ट वीयर पर चादर चली थी। ऐसे में बांध की भराव क्षमता को 27 फीट से ऊंचा कर 30.6 फीट किया गया।
कई वर्ष से कम हो रही बारिश
जलसंसाधन विभाग के सूत्रों के अनुसार डांग क्षेत्र की कैचमेंट एरिया में बीते चार-पांच वर्ष से कम बारिश हो हो रही है। इससे बांध में 10-11 फीट तक ही जल भराव हो सका था। वर्ष 2016 व वर्ष 2021 में मानसून में बांध गेज 20 फीट पर पहुंचा था। कमोबेश बीते वर्षों से बारिश की कमी से पानी बांध की विंगवाल और वेस्टवीयर को छू नहीं पा रहा है। जगर बांध पर वर्ष 2020 में 454, वर्ष 2021 में 555, वर्ष 2022 में 619 व वर्ष 2023 में 411 एमएम बारिश हुई थी। जो अपेक्षित बारिश से कम है।
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फैक्ट फाइल
वर्ष बारिश जलभराव (एमएम) (फीट)2019 492 10.9 फीट
2020 454 9.2 फीट
2021 555 20 फीट
2022 619 14.8 फीट
2023 411 10.6 फीट

जगर बांध
भराव क्षमता 30.6 फीट गेज (1640 एमसीएफटी) कैचमेंट एरिया 227.80 वर्ग किलोमीटर
नहरों की लम्बाई 44 किलोमीटर
सिंचाई के गांव 26
सिंचाई क्षेत्रफल 6265 हैक्टेयर भूमि
नलकूप रिचार्ज के लिए नहीं डेड स्टोक
जल संसाधन विभाग के सूत्रों के अनुसार जगर बांध में शहरी जलयोजना के नलकूपों के रिचार्ज के लिए 8 फीट पानी डेड स्टॉक में आरक्षित रखा जाता है। बांध की डाउन स्ट्रीम में हिण्डौन शहरी क्षेत्र के जलापूर्ति के लिए दो दर्जन से अधिक नलकूप लगे हैं। बांध में आरक्षित किए 288.89 एमसीएफटी से पानी से नलकूपों का भूजल स्तर रिचार्ज होता है। वर्तमान में बांध के पेटा सूखा है। इससे गर्मियों में नलकूपों के जलस्तर गिरने की आशंका है।
बारिश की कमी से रीता बांध
वर्तमान में जगर बांध का पेटा सूखा है। मानसून सीजन में अपेक्षित बारिश नहीं होने से कम भराव हुआ था। पर्याप्त जल आवक के लिए 650-700 एमएम बारिश चाहिए। अब मानसून का इंतजार है।
शिवराम मीणा, सहायक अभियंता, जल संसाधन विभाग, हिण्डौनसिटी

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