scriptRajasthan Politics : चौधरी देवी लाल ने भी दो सीटों पर लड़ा था चुनाव, राजस्थान में थी एक ‘सेफ सीट’, जानें क्या रहा दिलचस्प मुकाबले का नतीजा? | Rajasthan Politic Flash Back Chaudhary Devi Lal contested elections on two seats, one safe seat was Sikar Rajasthan | Patrika News
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Rajasthan Politics : चौधरी देवी लाल ने भी दो सीटों पर लड़ा था चुनाव, राजस्थान में थी एक ‘सेफ सीट’, जानें क्या रहा दिलचस्प मुकाबले का नतीजा?

चौधरी देवी लाल ने वर्ष 1989 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान दो सीटों से नामांकन भरा था। एक सीट जहां हरियाणा की थी, तो दूसरी ‘सेफ सीट’ के लिए राजस्थान को चुना गया था।

जयपुरMay 04, 2024 / 11:52 am

Nakul Devarshi

devi lal
जयपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर दो लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। केरल की वायनाड सीट के बाद राहुल ने शुक्रवार को गांधी परिवार की परंपरागत रायबरेली सीट से भी नामांकन परचा भरके एक अतिरिक्त सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर ताल ठोक दी। राहुल के अमेठी की बजाए रायबरेली की ‘सेफ सीट’ से चुनाव लड़ने की चर्चा अब ज़ोर पकड़े हुए हैं।

इधर, राजस्थान की सियासत की बात की जाए तो पूर्व में हुए एक लोकसभा चुनाव के दौरान एक दिग्गज नेता के लिए यहां की एक सीट ‘सेफ सीट’ बनी थी। तब इस नेता ने दो जगहों से चुनाव लड़ा था, जिसमें एक सीट अन्य राज्य की थी।

देवी लाल की सीकर थी ‘सेफ’

चौधरी देवी लाल ने वर्ष 1989 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान दो सीटों से नामांकन भरा था। एक सीट जहां हरियाणा की रोहतक थी, तो वहीं दूसरी ‘सेफ सीट’ के लिए राजस्थान की सीकर सीट को चुना गया था। दिलचस्प बात ये है कि तब देवी लाल रोहतक और सीकर, दोनों ही सीटों से चुनाव जीत गए थे।

देवीलाल जीतें, बलराम हारे

सीकर की एक अतिरिक्त ‘सेफ’ सीट से देवीलाल बतौर जनता दल उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे। उनके सामने कांग्रेस ने बलराम जाखड़ को टिकट थमाया था। दोनों पार्टियों की तरफ से कद्दावर जाट नेताओं के बीच इस मुकाबले ने तक सीकर को प्रदेश की ही नहीं, बल्कि देश की हॉट सीट बना दिया था। इस मुकाबले को देवी लाल ने 46 हज़ार 756 वोटों के अच्छे-खासे अंतर से जीत लिया था। चुनाव नतीजों के मुताबिक़ देवी लाल को जहां 3 लाख 75 हज़ार 855 वोट मिले थे, वहीं कांग्रेस उम्मीदवार बलराम जाखड़ को 3 लाख 29 हज़ार 99 वोट से संतोष करना पड़ा था।
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सीकर के बजाए छोड़ दिया रोहतक

सीकर और रोहतक, दोनों सीटों से चुनाव जीतने के बाद देवी वाल को किसी एक सीट को छोड़ना ज़रूरी था। हर कोई इस बात का अंदाज़ा लगा रहा था कि देवीवाल सीकर को छोड़ रोहतक को ही चुनेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। देवी लाल ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए रोहतक सीट छोड़कर सीकर को चुना और वे यहीं से सांसद रहे।

सुपर हॉट सीट बनी थी सीकर 

तब हुए लोकसभा चुनाव ने सीकर को हॉट सीट बना दिया था। दरअसल, चुनाव के वक्त जनता दाल उम्मीदवार चौधरी देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री थे वहीं कांग्रेस उम्मीदवार बलराम जाखड़ लोकसभा अध्यक्ष थे। उस दौरान चौधरी देवीलाल के पक्ष में प्रचार करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी भी सीकर आए और वोट मांगे। उस समय देवीलाल के लिए एक नारा मशहूर हुआ था कि ”ताऊ पूरा तोलेगा, लाल किले पर बोलेगा”। इससे पहले जाखड़ ने दावा किया था कि उन्हें कोई चुनाव नहीं हरा सकता।

फिर शुरू हुआ बुरा दौर

उप प्रधानमंत्री बनने के बाद का दौर चौधरी देवी लाल के लिए बहुत ही खराब रहा। उसके बाद 1991, 1996 और 1998 में हुए तीन लोकसभा चुनावों में वे हरियाणा की ही रोहतक सीट से खड़े हुए लेकिन राजनीतिक प्रतिद्वंदी भूपेंद्र सिंह हुड्डा से तीनों ही चुनाव में पराजित हुए। आखिर में उनके पुत्र ओम प्रकाश चौटाला ने 1998 में उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनवाया। राज्यसभा सदस्य रहते हुए ही वर्ष 2001 में उनकी मृत्यु हो गई।
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प्रधानमंत्री पद का मिला था ऑफर

सीकर सीट से देवीलाल जीत तो गए थे, लेकिन रोहतक में भी जीत के कारण उनको सीकर सीट छोड़नी पड़ गई थी। इधर, चुनाव जीत के बाद देवी लाल को प्रधानमंत्री बनने का भी ऑफर मिला, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। हालांकि उन्हें बाद में उप प्रधानमंत्री बनने का गौरव ज़रूर हासिल हुआ।

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