दरअसल मध्य प्रदेश के पन्ना क्षेत्र में हीरा पाया जाता है। पन्ना हीरा की पहचान भी हीरे के लिए है। यह विंध्य ग्रुप का हिस्सा है। ग्वालियर भी विंध्य ग्रुप के अंतर्गत आता है। सेटेलाइट सर्वे में ग्वालियर क्षेत्र में हीरा होने के संकेत आए हैं। इसके लिए चीनौर व मोहना क्षेत्र को चुना गया है। इस क्षेत्र में राजस्व व वन विभाग की भूमि आती है। सर्वे कर हीरा खनन की जगह चिह्नित की जाएगी। ग्वालियर की पहचान पत्थर निर्यात के लिए है। यदि हीरा मिल जाता है तो पन्ना की तरह ग्वालियर को भी हीरे के लिए पहचाना जाएगा।
कांच बनाने कच्चे माल का खनन सिमिरिया टांका में डबरा के सिमिरिया टांका में कांच बनाने के कच्चे माल का खनन किया जाएगा। खनिज विभाग ने 4 हैक्टेयर में खनन की लीज दी है। 64 रुपए प्रति टन की बोली निर्धारित की थी, लेकिन 3 हजार 868 रुपए प्रति टन के हिसाब से लीज दी गई है। लीज की बोली कई गुना ऊपर गई है।
- सिमिरिया टांका से कच्चा माल खनन कर कांच बनाने के लिए फैक्ट्री को आपूर्ति की जाएगी। कांच सिलीकॉन डाइऑक्साइड से तैयार किया जाता है।
- कांच बनाने का कच्चा माल बुंदेलखंड ग्रुप में पाया जाता है। ग्वालियर का कुछ हिस्सा बुंदेलखंड ग्रुप में आता है।
इनका कहना है
चीनौर व मोहना में हीरा होने के संकेत हैं। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया सर्वे करेगी। इसके लिए तहसीलदार से राजस्व वन विभाग की जमीन का ब्यौरा मांगा है।-प्रदीप भूरिया, खनिज अधिकारी