प्रशांत भूषण और सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज शनिवार को भोपाल आए। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इलेक्टोरल बॉन्ड पर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। प्रशांत भूषण ने कहा कि बीजेपी की सरकार चंदा देनेवाली भ्रष्ट कंपनियों को क्लीन चिट दे सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि इसे रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मैंने याचिका लगा दी है।
प्रशांत भूषण ने इलेक्टोरल बॉन्ड को दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए मामले की कोर्ट की निगरानी में एसआईटी SIT जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड में घूस के माध्यम से कंपनियों को करोड़ों के कॉन्ट्रैक्ट दे दिए गए। इस संगीन अपराध की जवाबदेही तय होनी चाहिए।
प्रशांत भूषण ने कहा कि बॉन्ड में ज्यादातर पैसा रिश्वत के तौर पर दिया गया, घूस के रूप में खासा पैसा लेकर दवा कंपनियों को टेंडर दे दिया गया। डेटा से साफ पता चल रहा है कि कंपनियों ने सत्ताधारी दलों को बॉन्ड के माध्यम से बड़ी रकम दी। बाद में उनको बड़ी परियोजनाएं मिलीं।
प्रशांत भूषण ने बताया कि अदालत की निगरानी में एसआईटी के गठन के लिए कोशिश चल रही है। इसके लिए कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), सीबीआई और आईटी विभाग जैसी एजेंसियां भी इसमें शामिल हैं।
कोरोना में खतरनाक दवाइयां दी
प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया है कि जिन कंपनियों से इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए घूस ली गई, उनकी कई जानलेवा दवाइयां कोरोना काल में लोगों को दी गईं। उन्होंने आशंका जताई कि बीजेपी के करप्शन में शामिल रहीं कंपनियों को सरकार क्लीन चिट दे सकती है। ऐसा न हो, इसके लिए हमने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन फाइल की है जिसे कोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया है। इसकी सुनवाई अगले सप्ताह होगी।